जौनपुर: जैविक प्रक्रियाओं में 75 हजार एंजाइम करते हैं कार्य: प्रो. पांडेय

जौनपुर: जैविक प्रक्रियाओं में 75 हजार एंजाइम करते हैं कार्य: प्रो. पांडेय









वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शुक्रवार को इंस्पायर साइंस समापन कैम्प में प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किया गया।


बीएचयू के रसायन विभाग के अध्यक्ष प्रो. दया शंकर पांडेय ने आवर्त सारणी के विभिन्न तत्वों और उनकी उपयोगिता की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न जैविक प्रकियाओं में पचास से ज्यादा तत्व व पचहत्तर हजार से ज्यादा एंजाइम संतुलित तरीके से कार्य करते हैं। प्रो पांडेय ने मरकरी (पारा) के दुष्प्रभाव पर चर्चा की।


आईआईटी कानपुर के बायोलाजिकल साइंस के विभागाध्यक्ष प्रो शंकर रामाकृष्णन ने कोशिका के स्तर पर होने वाली विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं को सचल चित्र के माध्यम से सरल भाषा में समझाया। उन्होंने इक्कीसवीं सदी के कई महान जीव वैज्ञानिकों के खोज व शोध को विद्यार्थियों के सामने रखा। बताया कि कैसे भौतिक विज्ञानी जगदीश चन्द्र बसु ने पौधों में जीवन की प्रक्रिया को समझा।


आईआईटी दिल्ली के प्रो. मैथिली शरण ने गणित का समाज में समस्याओं के समाधान में उपयोगिता पर चर्चा की। बताया कि कैसे महानगरों में संख्या का प्रयोग करके आवागमन को सुगम बनाया जाता है। उन्होंने विमुद्रीकरण तथा जीएसटी में होने वाले गणित का प्रयोग सरल भाषा में समझाया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डा. राजाराम यादव ने अतिथियों स्मृति चिन्ह प्रदान किया।


दूसरे सत्र में विद्यार्थियों ने रज्जू भइया संस्थान के रसायन विज्ञान तथा भूगर्भ विज्ञान की प्रयोगशाला को देखा। केंद्रीय पुस्तकालय में डा. विद्युत मल्ल ने प्रतिभागियों को किताबों और ई लाइब्रेरी के बारे में जानकारी दी। संयोजक डा. मनीष गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। संचालन डा. संतोष कुमार ने किया।